हिन्दू विरोधी षड्यंत्र को असफल कर, सर्व कल्याणकारी ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना’ को गति देने हेतु एकजुट होंगे हिन्दू संगठन !
कतरास: भारत आज आंतरिक और बाहरी दोनों शत्रुओं का सामना कर रहा है । जितने भी इस्लामिक देश हैं, वह भारत के हिंदुओं की संख्या कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ‘गजवा ए हिंद’ इस संगठन को सीधी कार्रवाई का आदेश है । विभिन्न ईसाई देशों के पोप भी भारत में ईसाइयों की संख्या बढ़ाकर भारत को ईसाई देश बनाने की कोशिश कर रहे हैं । इसके साथ ही भारत के कम्युनिस्ट तथा धर्मनिरपेक्ष लोग भी भारत के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं । इसलिए आज हिन्दुओं को जिस प्रकार के भीषण संकटो का सामना करना पड रहा है उतना पिछले 800 सालों में करना नही पडा है । आज सनातन धर्म को बदनाम कर नष्ट करने का षडयंत्र, हमास जैसे आतंकवादी संगठन का समर्थन, हेट स्पीच के नाम पर हिन्दुत्ववादियों को लक्ष्य बनाना, हलाल अर्थव्यवस्था के माध्यम से भारत को इस्लामीकरण की ओर ले जानेवाला आर्थिक जिहाद करना, हमारे खिलाफ छद्म युद्ध ही है।
झारखंड में स्थानीय धर्माधों के साथ-साथ कट्टर बांगलादेशी एवं रोहिंग्या मुसलमान भी हिन्दू युवतियों को ‘लव जिहाद’ के जाल में खींच रहे हैं । दूसरी ओर बंगाल में बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठियों को सभी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, परंतु बांग्लादेश से प्रताडित होकर स्थनांतरित हुए हिन्दुओं की अनदेखी की जाती है । बंगाल में आज स्थिति इस्लामिक राष्ट्र के समान हो गई है । बंगाल के हिन्दुओं जैसी स्थिति भारत के अन्य राज्यों में न हो और भारत इन सभी संकटों पर विजय प्राप्त करे इसके लिए हिन्दुओं को एकजुट होकर भारत में हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य को गति और बल देना होगा। इस दृष्टि से विचारमंथन एवं कार्ययोजना बनाने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा धनबाद के शक्ति मंदिर में 2 और 3 दिसंबर को हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन किया गया है । इस अधिवेशन में झारखण्ड, ओडिशा,बिहार तथा पश्चिम बंगाल के 50 से अधिक हिन्दू संगठनों के 140 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेने वाले है ।
अधिवेशन के दो दिनों की अवधि में लव जिहाद, हलाल अर्थव्यवस्था, लैंड जिहाद, धर्मांतरण, गोहत्या, मंदिर संस्कृति की रक्षा, आदि समस्याओं का समाधान, विविध जिहादी आक्रमणों का प्रतिकार एवं अन्य महत्त्वपूर्ण विषयों पर विचारमंथन कर ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना’के कार्य में गति लाने हेतु कृति की रूपरेखा तैयार की जाएगी |इस ऐतिहासिक आयोजन में हिन्दुत्वनिष्ठ, हिन्दू संगठनो के प्रमुख प्रतिनिधि, संतगण, अधिवक्ता, लेखक, विचारक, उद्योगपति, राजनेता एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहनेवाले हैं।